कांगड़ा की वादियों से
मेरे गांव की कुछ बातें मेरे दिल को बहुत भाती हैं,
Kangra Fort |
इसकी यादें बार-बार मेरे दिल को बहुत सताती हैं।
चामुंडा माँ का मंदिर और चाय के बागान,
लगता हैं जैसे हों सुंदरता का सामान।
ज्वाला माँ की ज्योति अँधकार को मिटाती है,
ध्यानु भक्त की भक्ति परोपकारिता को दर्शाती है।
काँगड़ा से होकर बहती है व्यास नदी,
कहते हैं लोग इसे बहते हो गई है एक सदी।
इसकी वजह से आज काँगड़ा में हो रहा विकास है,
कांगड़ा देश भर की धार्मिक प्रवृत्तियों का निकास है।
Vajreshwari Maa, Kangra |
धर्मशाला में तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा का निवास है,
इक दिन काँगड़ा दिल्ली बनेगा मुझे पूर्ण विश्वास है।
यूँ तो मेरी नज़र में पूरा भारत देश महान है,
परन्तु छोटे स्तर पर मेरा गाओं मेरी जान है।